Sunday, March 31, 2019

इस समय सारी पार्टियों के लिए मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट यानी चुनाव आचार संहिता लागू है। लेकिन भाजपा के लिए अलग से शायद मोदी कोड ऑफ कंडक्ट लागू है। एक दिन प्रधानमंत्री अचानक राष्ट्रीय टेलीविजन पर आते हैं। राष्ट्र के नाम संबोधन देने लगते हैं। राष्ट्र के नाम संबोधन ऐसा जिससे ऐसा झलकता है कि एक वैज्ञानिक सफलता के बहाने चुनावी प्रचार किया जा रहा है। विपक्ष ख़ासकर सीपीएम इसकी शिकायत चुनाव आयोग में करते हैं, जांच कमेटी बनती है लेकिन अंत में चुनाव आयोग मोदी जी को क्लीन चिट दे देता है। इसी क्रम में राहुल गांधी द्वारा न्याय स्कीम के घोषणा पर नीति आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार दिया गया बयान भी शमिल है। जिसमें वह पूरी तरह से भाजपा के प्रवक्ता की तरह बात करते हुए सुनाई दे रहे थे। इन मामलों से बढ़कर अभी हाल में मामला सामने आया है ओडिशा का। यहां सत्ता पर काबिज बीजू जनता दल (बीजेडी) की शिकायत है कि एक मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट है लेकिन इसे अलग-अलग पार्टियों पर अलग मानकों से लागू किया जा रहा है। भाजपा के लिए अलग मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट और अन्य पार्टियों के लिए अलग मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट।

पीएम-किसान स्वीकार! कालिया पर तकरार? : क्या देश में दो आचार संहिता लागू हैं? | न्यूज़क्लिक