Thursday, April 11, 2019

भाजपा के घोषणा-पत्र में सरकारी नौकरियों पर एक शब्द नहीं है. तब भी नहीं जब कांग्रेस और सपा ने एक साल में एक लाख से पांच लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया है. तब भी ज़िक्र नहीं है जब सरकारी नौकरियों की तैयारी में लगे करोड़ों नौजवानों में से बड़ी संख्या में मोदी को ही पसंद करते होंगे. तब भी ज़िक्र नहीं है कि जब पिछले दो साल में सरकारी भर्तियों को लेकर कई छोटे-बड़े आंदोलन हुए. तब भी ज़िक्र नहीं है जब मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को नौजवानों का साथ नहीं मिला. मतदाताओं के इतने बड़े समूह के सवाल को सामने से छोड़ देने का साहस सिर्फ भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं.

भाजपा को भरोसा है कि नौजवान अपनी बेरोज़गारी सीने से चिपकाए उसे नाचते-गाते वोट दे आएंगे