SAVE WEST BENGAL FROM TRINAMOOL CONGRESS

RESIST FASCIST TERROR IN WB BY TMC-MAOIST-POLICE-MEDIA NEXUS

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Monday, February 17, 2020

फिलहाल चंद्रशेखर के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत और उनके द्वारा स्थापित संस्थाएं विवादों के केंद्र में हैं। श्यामजी त्रिपाठी इसका कारण बताते हैं, “चंद्रशेखर जी ने अपने द्वारा स्थापित किसी भी संस्था या ट्रस्ट में अपने दोनों पुत्रों की कौन कहे किसी परिजन या रक्त संबंधी को सदस्य नहीं बनने दिया। राजनीतिक कार्यकर्ताओं और विश्वसपात्रों को ही उन्होंने विभिन्न संस्थाओं का ट्रस्टी और सदस्य बनाया। 2007 में उनकी मृत्यु के बाद सेंटर ऑफ एप्लाइड पॉलिटिक्स की गवर्निंग बॉडी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई कमिटी बनाई थी। 2007 से 2017 के बीच अनेकों फर्जी कमिटी बनाकर रजिस्टर्ड करवाने का प्रयास किया गया। कौन सच्चा है कौन झूठा इसके चक्कर में ही यह कार्रवाई की गई है।”

पूर्व पीएम चंद्रशेखर की विरासत ध्वस्त, नरेंद्र निकेतन पर चला नरेंद्र मोदी का हथौड़ा! | न्यूज़क्लिक