SAVE WEST BENGAL FROM TRINAMOOL CONGRESS

RESIST FASCIST TERROR IN WB BY TMC-MAOIST-POLICE-MEDIA NEXUS

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Monday, February 17, 2020

शहरी विकास मंत्रालय के एल एंड डीओ विभाग के अफसरों का कहना है कि कई साल पहले यह जमीन “सेंटर ऑफ अप्लाइड पॉलटिक्स” नामक संस्था को 99 सालों के लीज पर दी गई थी। संस्था को जिस काम के लिए लीज पर जमीन दी गई थी, जमीन का इस्तेमाल उस काम के लिए नहीं कर रही थी। अभी तक बिल्डिंग भी नहीं बनाई थी। अस्थायी शेड में दफ्तर चलाए जा रहे थे। इसलिए इसे तोड़ दिया गया।” लेकिन यह पहली बार नहीं है कि चंद्रशेखर द्वारा स्थापित किसी संस्था के साथ ऐसा हुआ है। चंद्रशेखर के जीवनकाल में गुरुग्राम स्थित भोड़सी को लेकर भी विवाद हुआ था और मामला कोर्ट में पहुंच गया था। अदालत का निर्णय आने के तत्काल बाद बिना किसी आनाकानी के चंद्रशेखर ने भोड़सी को हरियाणा सरकार के हवाले कर दिया था। क्या ऐसा नहीं हो सकता था कि नरेंद्र निकेतन में रखे सामान को सुरक्षित निकालने के बाद बुलडोज़र चलता ?

पूर्व पीएम चंद्रशेखर की विरासत ध्वस्त, नरेंद्र निकेतन पर चला नरेंद्र मोदी का हथौड़ा! | न्यूज़क्लिक