Sunday, April 26, 2020

कोरोना की आपदा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि खतरे में सिर्फ भात-रोटी, छत-रोजगार और जिंदगी भर नहीं है खतरे में पूरी दुनिया है - वह पृथ्वी है जिस पर मनुष्यता बसी है। जंगल नेस्तनाबूद कर दिए, नदियाँ सुखा दीं, धरती खोदकर रख दी, पशु-पक्षियों को उनके घरों से बेदखल कर दिया, पारिस्थितिकी (इकोलॉजी) मटियामेट करके रख दी। बर्बादी कितनी भयावह है इसे देखने के लिए लैटिन अमरीका या कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है - सिंगरौली के बगल में रेणूकूट नाम की जगह है, उत्तर प्रदेश में पड़ती है, वहां से सड़क मार्ग से यात्रा शुरू कीजिये और सिंगरोली, सीधी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर पार करते हुए छत्तीसगढ़ के कोरिया, सरगुजा क्रॉस करते हुए कोरबा तक पहुंचिये। अंदर मत जाइये - सड़क सड़क ही चलिए और सच्चाई अपनी नंगी आँखों से देख लीजिये। अपने कठपुतली शासकों के लिए ऐशोआराम और चुनाव जीतने के साधन भर मुहैया करके कारपोरेट ने सब कुछ उधेड़ कर रख दिया है।

कोरोना का मायका, ससुराल और इसका मुफ़ीद इलाज  | न्यूज़क्लिक