Monday, April 20, 2020

संघ(RSS) की इस टेक्निक को समझे बिना आप आरएसएस की राजनीति को नहीं समझ सकते—– संघ का हमेशा से एक गूढ़ उद्देश्य रहा है कि संघ को कथित ऊंची जातियों की, उसमें भी ऊंची जातियों के सक्षम पूंजीपतियों की सत्ता स्थापित करनी थी, जिसके लिए “हिन्दू धर्म” का चोगा ही अंतिम विकल्प था। चूंकि लोकतंत्र में सीधे एक दो जाति की श्रेष्ठता का दावा करके विजयी नहीं हुआ जा सकता था इसलिए अपनी जातियों को आगे बढ़ाने के लिए उस धर्म को चुना गया जिसमें उन्हें शीर्ष पर रहने की वैधता मिली हुई थी। यही कारण है सीधे जाति से न लड़कर संघ ने धर्म का रास्ता चुना। अब धर्म के राज की स्थापना के लिए जरूरी है कि “सेक्युलरिज्म” जैसे शब्द को अप्रसांगिक किया जाए। यही कारण है कि संघ की विचारधारा मानने वालों ने सबसे अधिक निशाना बनाया तो सेक्युलरिज्म शब्द को.

RSS की भाषा बोल रही हैं बबिता और रंगोली, जो सबसे 'नफरत' करना सिखाता है : श्याम मीरा सिंह