Friday, May 15, 2020

इस तस्वीर को देखिए और याद कीजिए कि भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. भारत विश्व में अहम स्थान रखने वाली अर्थव्यवस्था है. इस व्यवस्था की रीढ़ अब भी खेती और असंगठित क्षेत्र है. इन क्षेत्रों में काम करने वाले लोग, रेल की पटरियां बिछाने वाले लोग इतिहास का सबसे भयावह पलायन झेल रहे हैं. यह व्यवस्था मूक दर्शक बनी उन्हें देख रही है. इस देश में 20-20 साल के युवा कभी फांसी पर चढ़े थे. उन युवाओं की चिट्ठियां, उनके भाषण, उनके पर्चे इस बात के गवाह हैं कि वे सच में एक आजाद और आत्मनिर्भर भारत चाहते थे. ऐसा भारत, जहां जनता की चुनी हुई अपनी सरकार हो और किसी बच्चे को ऐसे मौत के मुंह में न झोंक दिया जाए.

जिन्होंने ट्रेन की पटरियां बिछाई आज उन्हें ही घर जाने के लिए ट्रेन नहीं मिल रही है, ये शर्मनाक है