Monday, February 17, 2020

एनपीआर की प्रक्रिया जिसे 1 अप्रैल और 30 सितंबर के बीच सम्पन्न करना निश्चित किया गया है, को लेकर सरकार की मंशा पर संदेह उत्पन्न होते हैं, क्योंकि देशवासियों को अपने माता-पिता की जन्म तिथि और स्थान की जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा गया है। ऐसा करने पर इस चीज को ट्रैक करना आसान हो जाता है कि किसी व्यक्ति के वो चाहे महिला या पुरुष हो, के पूर्वज भारत के बाहर से आए थे या नहीं। ऐसे में जब एनआरआईसी की सूची तैयार की जा रही होगी, वे लोग विशेष तौर पर नागरिकता के प्रश्न पर सवाल उठा रहे उन अधिकारियों के समक्ष दयनीय स्थिति में हो जाने वाले सिद्ध होंगे।

शाहीन बाग़ का लक्ष्य होना चाहिए नागरिकता अधिनियम की धारा 14ए को निरस्त करवाना | न्यूज़क्लिक