Monday, February 17, 2020

एक अन्य उप-धारा केंद्र सरकार को इस बात के लिए अधिकृत करती है कि वह नागरिकों के अनिवार्य पंजीकरण की प्रक्रियाओं को निर्धारित कर सकती है। इसे नागरिकता अधिनियम की धारा 18 (2) (आईए) में दोहराया गया है। यह धारा 18 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत हो सका जिसके चलते केंद्र सरकार नागरिकता (नियम, 2003 के तहत नागरिकों के पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्रों को जारी करना) तैयार कर सकती है, जिसमें यह प्रावधान है कि एनआरआईसी को एनपीआर से तैयार किया जाना है। दूसरे शब्दों में कहें तो यदि नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 14A को निरस्त कर दिया जाता है तो एनपीआर-एनआरआईसी के लिए क़ानूनी आधार अपने आप खत्म हो जाता है।

शाहीन बाग़ का लक्ष्य होना चाहिए नागरिकता अधिनियम की धारा 14ए को निरस्त करवाना | न्यूज़क्लिक