Friday, February 28, 2020

कोर्ट की सुनवाई के दौरान जब भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर एफ़आईआर करने की मांग याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की तरफ़ से की गई तो दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने अभी कपिल मिश्रा का वीडियो नहीं देखा है। जज ने कोर्ट में ही वीडियो चलाने को कहा। "दिल्ली पुलिस ने वीडियो नहीं देखा" सुनने में हास्यास्पद लगने वाली ये बात दरअसल कितनी संवेदनहीन है, इसका अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल है। कपिल मिश्रा ने अपने बयान में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर के साथ खड़े हो कर उनको अल्टिमेटम दिया था कि अगर वो 3 दिन में जाफराबाद की सड़क खाली नहीं करवाते हैं, तो वो ख़ुद कोई क़दम उठाएंगे। बयान को 3 दिन भी नहीं गुज़रे और पूरे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा और आगज़नी हो गई। इस पूरे प्रकरण में सवाल उठ रहे हैं कि दिल्ली पुलिस की भूमिका क्या रही, और लोगों को सुरक्षा देने में इतनी देर क्यों हुई। हिंसा के जैसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें दिल्ली पुलिस हिंसा करने वालों को संरक्षण दे रही है और साथ ही ख़ुद भी लोगों को पीटते हुए कह रही है, "राष्ट्रगान सुना" , "आज़ादी चाहते हो?"

पुलिस कार्रवाई में नफ़रत क्यों दिखती है? | न्यूज़क्लिक