Friday, February 28, 2020

दिल्ली में जो हिंसा हुई है उसमें अब 34 लोगों की मौत होने की ख़बर है, और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हिंसा कब शुरू हुई, किसने शुरू की, किस धर्म के लोग ज़्यादा मरे, किस रंग के झंडे ज़्यादा लहराए गए, कौन से नारे ज़्यादा गूँजे; यह तुलना करना अब बे-मानी सा हो गया है। पागल भीड़ की हिंसा के बाद पीड़ित वर्ग सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों से सहारा लेता है। हिंसा के दौरान या हिंसा के बाद गोली खाने वाले, हाथ कटवाने वाले के मन में ये आस होती है कि पुलिस उसकी मदद करेगी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने 26 फरवरी को कहा भी कि पुलिस के व्यवहार में पेशेवर रवैये की कमी है।

पुलिस कार्रवाई में नफ़रत क्यों दिखती है? | न्यूज़क्लिक