Monday, February 17, 2020

श्यामजी त्रिपाठी की बात पूरे मामले का एक पक्ष है। भारतीय राजनीति में चंद्रशेखर की एक विरासत है और उनके चाहने वालों की संख्या लाखों में है। जिस दिल्ली में आप यूं ही किसी झुग्गी को नहीं तोड़ सकते हैं वहां चंद्रशेखर जैसे राजनेता की विरासत के जमींदोज होने के बाद पसरी चुप्पी किसी गहरे सियासी षडयंत्र का संकेत है। आने वाले दिनों में दीनदयाल रोड पर स्थित चंद्रशेखर भवन और बलिया (जेपी नगर) स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण के स्मारक पर भी हथौड़ा चल सकता है। कहा जा रहा है कि दिल्ली में बैठे सत्ता के दलाल पर्दे के पीछे चंद्रशेखर की विरासत को खत्म करने का षडयंत्र रच रहे हैं।

पूर्व पीएम चंद्रशेखर की विरासत ध्वस्त, नरेंद्र निकेतन पर चला नरेंद्र मोदी का हथौड़ा! | न्यूज़क्लिक