Monday, March 23, 2020

भारतीय अस्पताल खुद बेहद बीमार हैं और चीन और इटली के स्तर पर संक्रामक रेस्पिरेटरी इंफैक्शन से मुकाबला करने की स्थिति में नहीं हैं. 15 मार्च तक देश में नोवेल कोरोनावायरस मामलों की संख्या 107 हो गई थी. इसके बावजूद जांच को अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों तक ही सीमित रखा जा रहा है. जांच इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे संक्रमित व्यक्तियों द्वारा अन्य लोगों में होने वाले संक्रमण से बचाव किया जा सकता है और जिनको जरूरत है उनका जल्द से जल्द इलाज किया जा सकता है. आउर वर्ल्ड इन डेटा के अनुसार पुष्ट कोविड मामलों वाले देशों में भारत सबसे कम जांच करने वाला देश है. यहां प्रत्येक 10 लाख लोगों में केवल तीन की जांच हो रही है.

कोरोनावायरस : भारत में टेस्टिंग किट और अस्पतालों में स्टाफ की कमी