Sunday, March 29, 2020

कोरोना वायरस के फैलाव और संक्रमण को रोकने के नाम पर केंद्र की भाजपा सरकार के मुखिया व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह आनन-फानन में, परपीड़क (सैडिस्ट) अंदाज़ में, देश की जनता को विश्वास में लिये बगैर, देशव्यापी लॉकडाउन (देश बंद- काम बंद- जनता बंद- अनिश्चितकालीन कर्फ़्यू) की घोषणा की, उसकी असलियत एक ख़बर और एक फ़ोटो ने उजागर कर दी है। यह दृश्य विचलित कर देने वाला है। इससे, और अन्य कई घटनाओं व दृश्यों से, पता चलता है कि लॉकडाउन देश की करोड़ों-करोड़ ग़रीब जनता और मेहनतकश तबकों पर केंद्र की भाजपा सरकार का अत्यंत बर्बर राजनीतिक हमला है। इसने उन्हें न सिर्फ़ जीने के साधन और रोज़गार के अवसर से क्रूरतापूर्वक तरीक़े से एक झटके से अलग कर दिया, बल्कि उन्हें मानव गरिमा, आत्मसम्मान व उम्मीद से भी वंचित कर दिया। लॉकडाउन की मार खाये हुए लोग भुखमरी की हालत में पहुंच गये हैं। उनकी हालत भिखमंगा-जैसी हो गयी है। वे कह रहे हैं कि कोरोना से तो हम बाद में मरेंगे, पहले तो हम भूख से मर जायेंगे।

लॉकडाउन, ज़िंदा रहने के लिए घास खाते मुसहर, और गरीबों पर हमला | न्यूज़क्लिक