Sunday, April 19, 2020

कई व्यवहारिक वजहों से जो बिडेन, नवंबर में होने वाले अमेरिकी चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी बनकर सामने आए हैं। अपने वालेंटियर्स के एक शानदार नेटवर्क और चंदा इकट्ठा करने वाले एक सुचारू तंत्र के बावजूद बर्नी सैंडर्स डेलिगेट्स का गणित अपने पक्ष में न होने की बात समझ चुके थे। उनके पीछे हटते ही बिडेन की दावेदारी साफ हो गई। मार्च में सैंडर्स कुल 26 प्रायमरी में हुए चुनावों में से सिर्फ़ सात जीत सके थे। वे बिडेन से करीब 300 डेलिगेट पीछे थे। यह आंकड़ा इतना बड़ा था कि इसकी खाई पाटना मुश्किल था। लेकिन सैंडर्स के पैर पीछे खींचने और उनका बिडेन को समर्थन देने में की कई बातें छुपी हैं, जिन्हें ठीक तरीके से समझा जाना चाहिए। साफ है कि यहां कोई साजिश की बात नहीं है। हालांकि प्रेसिडेंट ट्रंप ने ऐसा जताने की कोशिश जरूर की। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी में अब सैंडर्स का काम तमाम हो चुका है।

ट्रंप से संघर्ष के लिए बिडेन ने वाम धड़े को अपने संगठन में जोड़ा | न्यूज़क्लिक