Monday, May 11, 2020

महामारी के दौरान रिकॉर्ड बेरोज़गारी से श्रमिकों को होने वाली परेशानियां पूंजीवाद का एक उत्पाद है। ज़्यादातर समय, नियोक्ता श्रमिकों को काम पर रखने या निकालने यानी हायर ऐंड फ़ायर का फ़ैसला लेते हैं और यह फ़ैसला उनके मुनाफ़े को अधिकतम करने के विकल्प पर निर्भर करता है। इस मुनाफ़े का न तो श्रमिकों के पूर्ण रोज़गार से मतलब है और न ही उत्पादन के साधनों से कोई लेना देना है, यह पूंजीवाद का "केंद्रीय बिन्दु" है और इस तरह, पूंजीवादियों का असली मक़सद भी यही होता है। सिस्टम इसी तरह से काम करता है। पूंजीपति तभी ख़ुश होते हैं,जब उनका मुनाफ़ा ज़्यादा होता है और जब मुनाफ़ा नहीं होता हैं, तब वे परेशान हो जाते हैं। लेकिन,यह सुख-दुख उनका व्यक्तिगत नहीं होता है; बल्कि इसका लेना-देना तो सिर्फ़ कारोबार से होता है।

बड़े पैमाने की यह बेरोज़गारी पूंजीवाद की नाकामी है | न्यूज़क्लिक