SAVE WEST BENGAL FROM TRINAMOOL CONGRESS

RESIST FASCIST TERROR IN WB BY TMC-MAOIST-POLICE-MEDIA NEXUS

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Sunday, March 24, 2019

नई दिल्लीः केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के परसा में घने हसदेव अरंद जंगल में ओपन कास्ट कोल माइनिंग को पर्यावरणीय मंजूरी दे दी. इस फैसले से भारत में वन संरक्षण के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हसदेव अरंद लगभग 170,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला मध्य भारत के घने जंगलों में से एक है. परसा हसदेव अरंद के 30 कोयला ब्लॉकों में से एक है, जिस पर राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. (आरवीयूएनएल) का स्वामित्व है. इस खदान की क्षमता पांच मीट्रिक टन प्रतिवर्ष है और इसका संचालन राजस्थान कोलिरीज लि. (आरसीएल) करती है. यह अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड की इकाई है. इसे फरवरी 2019 में पहले चरण की वन मंजूरी मिली थी लेकिन वन सलाहकार समिति की बैठक के मिनट्स से पता चलता है कि खदान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 841 हेक्टेयर की जमीन एक घने जंगल का हिस्सा है.

केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में 170,000 हेक्टेयर वनक्षेत्र में खनन को मंजूरी दी