Monday, February 17, 2020

चंद्रशेखर ने उनको अपने द्वारा स्थापित अधिकांश संस्थाओं में सदस्य, ट्रस्टी आदि बनाया था। इसके बाद वह यह कहना शुरू कर दिए कि, “अध्यक्ष जी ने कहा था कि हमने जितनी संस्था बनाई है सबमें जनता का पैसा लगा है, यदि मेरे बाद संस्थाओं को संचालित करने में कोई परेशानी आती है तो आप संस्थाओं को सरकार को सौंप देना। इसको किसी की निजी जागीर मत बनने देना।” लेकिन अफसोस की बात यह है कि चंद्रशेखर के निधन के बाद उनकी विरासत को निजी जागीर बनाने की होड़ मच गई। जो काम उनके परिजनों ने नहीं कियी उसे उनके “तथाकथित चेलों-शिष्यों” ने कर दिखाया।

पूर्व पीएम चंद्रशेखर की विरासत ध्वस्त, नरेंद्र निकेतन पर चला नरेंद्र मोदी का हथौड़ा! | न्यूज़क्लिक