SAVE WEST BENGAL FROM TRINAMOOL CONGRESS

RESIST FASCIST TERROR IN WB BY TMC-MAOIST-POLICE-MEDIA NEXUS

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Friday, February 28, 2020

जामिया में दिसम्बर के महीने में सीएए का विरोध करने वाले छात्र-छात्राओं पर पुलिस कार्रवाई के वीडियो हाल ही में 17 फरवरी को सामने आए थे। इन वीडियो में पुलिस के उन सभी दावों का झूठ सामने आ गया था जिसमें पुलिस ने कहा था कि उसने जामिया के अंदर कोई तोड़-फोड़ नहीं की है। जामिया हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस ने लोगों के घरों में घुस कर उन्हें मारा था। जामिया के छात्रों ने अपने बयान में कहा था कि पुलिस उन्हें "जय श्री राम" बोलने के लिए कह रही थी। इसी तरह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिसम्बर में हुई हिंसा के वीडियो में देखा गया था कि पुलिस ने "जय श्री राम" के नारे लगाए थे। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के हॉस्टल में हुई हिंसा के दौरान भी दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे।

पुलिस कार्रवाई में नफ़रत क्यों दिखती है? | न्यूज़क्लिक