SAVE WEST BENGAL FROM TRINAMOOL CONGRESS

RESIST FASCIST TERROR IN WB BY TMC-MAOIST-POLICE-MEDIA NEXUS

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Monday, April 27, 2020

देश में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिये मोदी सरकार ने घोषणा की कि 20 अप्रैल 2020 से लॉकडाउन को कुछ इलाकों में आंशिक रूप से उठाया जाएगा। पर पिछले पांच-छह दिनों का हिसाब-किताब देखें तो समझ आ जाएगा कि ये मात्र कहने की बात है। धरातल पर स्थितियां कुछ ठीक नहीं नज़र आतीं। बेहतर नियोजन और समन्वय के अभाव में कदम-कदम पर अड़चनें आती रहीं, और पुनर्नियोजन की जरूरत पड़ती रही। कुल मिलाकर इससे अराजकता और अव्यवस्था ही फैली। अब सरकार को चाहिये कि तत्परता के साथ तमाम दिक्कतों को हल करने के उपाय खोजे। अब लॉकडाउन को लम्बा खींचा नहीं जा सकता, इसलिए 3 मई के बाद लॉकडाउन में और भी ढील देनी पड़ेगी। हमने पहले ही देखा था कि लॉकडाउन खोलने के तरीके पर राज्यों के साथ ढंग से न तो बातचीत हुई न ही उनके साथ ठीक से समन्वय किया गया। इसलिए तमिलनाडु ने तय कर लिया कि 3 मई तक लॉकडाउन आंशिक रूप से भी नहीं खुलेगा। कर्नाटक में भी 20 अप्रैल को आंशिक लॉकडाउन की घोषणा की गई, फिर 21 अप्रैल को इस आदेश को वापस ले लिया गया और कुछ अलग किस्म के लॉकडाउन की घोषणा की गई। यह केंद्र के आदेश से अधिक सख्त था-तुगलकी फरमान जैसा। ऐसा लगा कि भाजपा के भीतर भी समन्वय का अभाव रहा क्योंकि पार्टी का शासन अधिकांशतः ‘वन मैन शो’ बनकर रह गया है।

अनियोजित ढंग से लॉकडाउन उठाना किसी काम का नहीं | न्यूज़क्लिक