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Friday, April 24, 2020

वाराणसी: दीनापुर वाराणसी का ऐसा अनूठा गांव है जहां धान-गेहूं नहीं, सिर्फ फूलों की खेती होती है। वही फूल जो बाबा विश्वनाथ और काशी के कोतवाल काल भैरव के माथे की शोभा बनते रहे हैं। यहां के रंग-बिरंगे फूल सिर्फ पूर्वांचल ही नहीं, बिहार से कोलकाता तक जाते रहे हैं। दीनापुर के बागवानों के लिए ये फूल सोने से कम नहीं थे, लेकिन कोरोना के चलते अब माटी हो गए हैं। फूलों की खेती से समृद्ध और खुशहाल दीनापुर के किसान अब खून के आंसू रो रहे हैं। दीनापुर गांव वाराणसी मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर दूर है, यहां की आबादी लगभग सात हज़ार है। इस गांव में जाने के ठीक से सड़कें भी नहीं हैं। इसके बाद भी यहां के लोग लगातार जी तोड़ मेहनत करते रहते हैं। यहां रहने वाले करीब तीन सौ परिवार सिर्फ फूलों की खेती करते हैं। लगभग तीन सौ एकड़ जमीन में पीले नारंगी गेंदे तो कभी सफेद बेले, कुंद व टेंगरी और गुलाब से ढका रहता है।

वाराणसी: लॉकडाउन के चलते खेतों में ही बर्बाद हो रही फूलों की फसल, बेहाल हैं किसान | न्यूज़क्लिक