SAVE WEST BENGAL FROM TRINAMOOL CONGRESS

RESIST FASCIST TERROR IN WB BY TMC-MAOIST-POLICE-MEDIA NEXUS

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Friday, March 6, 2020

विचार गोष्ठी के राजनीतिक प्रस्ताव 1. न्याय व अधिकार के सवाल पर चल रहे आंदोलनों को बदनाम करने, उन्हें दबाने की साजिशें रचने और पूरे देश में फासीवादी माॅडल खड़ा करने की भाजपाई कोशिशें लगातार जारी हैं। दिल्ली में राज्य प्रायोजित हिंसा की भयावहता हम सबने देखी, जिसमें पुलिस तंत्र पूरी तरह सांप्रदायिक नजर आई। जामिया, जेएनयू आदि विश्वविद्यालयों के छात्र आंदोलनों से लेकर विगत 3 मार्च को आहूत यंग इंडिया अधिकार मार्च पर भी पुलिसिया दमन किया गया। मार्च के दौरान बिहार आइसा के पूर्व राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन को मीडिया को संबोधित करते वक्त पीटा गया। हम दिल्ली पुलिस की बर्बरता व उसके सांप्रदायिक चरित्र की कड़ी निंदा करते हुए मांग करते हैं कि दिल्ली में नफरत व उन्माद की राजनीति को बढ़ावा देने वाले कपिल मिश्रा जैसे नेताओं को अविलंब गिरफ्तार किया जाए और इसकी जवाबदेही लेते हुए देश के गृह मंत्री अमित शाह अपने पद से तत्काल इस्तीफा दें। दिल्ली हिंसा में बिहार के लोग भी मारे गए हैं, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री ने इसपर एक शब्द बोलना उचित नहीं समझा है। हम इस मसले पर नीतीश कुमार की चुप्पी की कड़ी निंदा करते हैं। 2. एक ओर, दिल्ली में हिंसा व नफरत भड़काने वाले अपराधियों को बचाया जा रहा है। तो दूसरी ओर, संविधान व लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ रहे जेएनयू के नेताओं से लेकर कर्नाटक के स्कूली बच्चों तक पर राजद्रोह का मुकदमा थोपा जा रहा है। हम सभी आंदोलनकारियों पर से राजद्रोह का मुकदमा वापस लेने तथा ब्रिटिशकालीन राजद्रोह के प्रावधान को ही खत्म करने की मांग करते हैं। 3. सीएए-एनआरसी-एनपीआर एकीकृत रूप में आरएसएस का विभाजनकारी प्रोजेक्ट है। इसके खिलाफ चल रहे आंदोलन में दलित-गरीबों समेत व्यापक जनता की गोलबंदी के साथ संपूर्ण पैकेज को खारिज करने की दिशा में आंदोलन को और व्यापक बनाने की जरूरत है। आज की विचार गोष्ठी से हम तमाम आंदोलनरत शक्तियों को अपनी पहलकदमी बढ़ाने और आपसी एकता व समझदारी को और ऊंचे स्तर पर ले जाने का आह्वान करते हैं। साथ ही, बिहार में एनपीआर पर संपूर्णता में रोक लगाने की मांग पर आंदोलन जारी रखने का संकल्प लेते हैं। आने वाले दिनों में पूरे राज्य में पंचायती राज संस्थाओं तथा ग्राम सभाओं के जरिये इन काले कानूनों के खिलापफ प्रस्ताव पारित करने का भी आह्वान करते हैं। 4. बिहार में जल-जीवन-हरियाली योजना के नाम पर लाखों दलित-गरीबों को वास-आवास से उजाड़ने की नोटिस थमा दी गई है। विचार गोष्ठी के जरिए हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि इस गरीब विरोधी योजना को तत्काल वापस ले, सभी भूमिहीनों के आवास की गारंटी करे और बिना वैकल्पिक व्यवस्था के कहीं भी गरीबों को विस्थापित नहीं करे। 5. प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का हालिया बयान भाजपा-संघ गिरोह द्वारा दलितों-पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने की साजिश का ही जारी रूप है। आज के आयोजन से हम आरक्षण की गारंटी के लिए बिहार विधनसभा से तत्काल प्रस्ताव पारित करने की मांग करते हैं। 6. बिहार में हड़ताली शिक्षकों से वार्ता करने और उनकी जायज मांगों पर उचित कार्रवाई करने की दिशा में बिहार सरकार को तत्काल पहल लेनी चाहिए। हम आंदोलनकारी शिक्षकों पर से आंदोलन के दौरान किए गए सभी प्रकार के मुकदमों की वापसी की मांग करते हैं।

आज़ादी आंदोलन से गद्दारी करने वाले आज आज़ादी शब्द से भी भड़क रहे हैं : दीपंकर | न्यूज़क्लिक