मुझे अम्न और मोहब्बत का हिन्दुस्तान चाहिए : राहत इंदौरी | न्यूज़क्लिक
This Blog is about the democratic movements in India. Its only aim and objective is to fight against the anti-people policies of the ruling class.
SAVE WEST BENGAL FROM TRINAMOOL CONGRESS
RESIST FASCIST TERROR IN WB BY TMC-MAOIST-POLICE-MEDIA NEXUS
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Sunday, March 31, 2019
राहत इंदौरी को अपने ख़्वाबों का भारत चाहिए, अपने बुजुर्गों का हिन्दुस्तान चाहिए। अम्न, सुकून, और मोहब्बतों का हिन्दुस्तान। सच्चाई, ईमानदारी का हिन्दुस्तान। जी हां, मशहूर शायर राहत इंदौरी ने अपने यही ख़्बाव, अपनी यही चाहतें न्यूज़क्लिक से साझा कीं। मुशायरों की तहज़ीब से लेकर सियासत, जम्हूरियत और पेंटिग तक की बातें कीं। आपको मालूम है राहत एक शानदार पेंटर भी हैं। सुनिए हमारे सहयोगी काशिफ काकवी के साथ राहत इंदौरी की ये ख़ास बातचीत।
क्या आप किसी ऐसी पार्टी के बारे में जानते हैं जिसने दो साल से कम समय के भीतर सैकड़ों नए कार्यालय बना लिए हों? भारत में एक राजनीतिक दल इन दो सालों के दौरान कई सौ बहुमंज़िला कार्यालय बना रहा था, इसकी न तो पर्याप्त ख़बरें हैं और न ही विश्लेषण। कई सौ मुख्यालय की तस्वीरें एक जगह रखकर देखिए, आपको राजनीति का नया नहीं वो चेहरा दिखेगा जिसके बारे में आप कम जानते हैं।
इस समय सारी पार्टियों के लिए मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट यानी चुनाव आचार संहिता लागू है। लेकिन भाजपा के लिए अलग से शायद मोदी कोड ऑफ कंडक्ट लागू है। एक दिन प्रधानमंत्री अचानक राष्ट्रीय टेलीविजन पर आते हैं। राष्ट्र के नाम संबोधन देने लगते हैं। राष्ट्र के नाम संबोधन ऐसा जिससे ऐसा झलकता है कि एक वैज्ञानिक सफलता के बहाने चुनावी प्रचार किया जा रहा है। विपक्ष ख़ासकर सीपीएम इसकी शिकायत चुनाव आयोग में करते हैं, जांच कमेटी बनती है लेकिन अंत में चुनाव आयोग मोदी जी को क्लीन चिट दे देता है। इसी क्रम में राहुल गांधी द्वारा न्याय स्कीम के घोषणा पर नीति आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार दिया गया बयान भी शमिल है। जिसमें वह पूरी तरह से भाजपा के प्रवक्ता की तरह बात करते हुए सुनाई दे रहे थे। इन मामलों से बढ़कर अभी हाल में मामला सामने आया है ओडिशा का। यहां सत्ता पर काबिज बीजू जनता दल (बीजेडी) की शिकायत है कि एक मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट है लेकिन इसे अलग-अलग पार्टियों पर अलग मानकों से लागू किया जा रहा है। भाजपा के लिए अलग मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट और अन्य पार्टियों के लिए अलग मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट।
भारत में रोज़गार की दशा (द स्टेट ऑफ़ एम्प्लॉयमेंट इन इंडिया), पर ऑक्सफ़ैम इंडिया द्वारा देश में, विशेष रूप से लिंग आधारित रोज़गार की स्थिति का विश्लेषण करने वाली एक रिपोर्ट 28 मार्च को प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया, दिल्ली में जारी की गई थी। जबकि देश में रोज़गार और बेरोज़गारी की स्थिति सामान्य तौर पर गंभीर है, महिलाओं का रोज़गार और भी बदतर है - दोनों सामाजिक-सांस्कृतिक कारणों से और सरकार की नीतियों के कारण भी, जिसे यह रिपोर्ट नोट करती है। रिपोर्ट में आठ अध्याय हैं जो कि देश में रोज़गार के विभिन्न पहलुओं से संबंधित हैं।
Saturday, March 30, 2019
लोकसभा चुनाव से पहले आई कुछ रिपोर्टों के अनुसार देश के करीब 12 करोड़ लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं. हैदराबाद स्थित एक समूह का दावा है कि ऐसे लोगों में बड़ी संख्या मुसलमानों और दलितों की है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी इस बारे में सॉफ़्टवेयर इंजीनियर सैयद खालिद सैफुल्लाह से चर्चा कर रही हैं.
Friday, March 29, 2019
২০১৯ লোকসভা নির্বাচনে পশ্চিমবঙ্গে মোট ভোটার ৭ কোটি। প্রায় অর্ধেক বা ৩.৫০ কোটির বয়স ৪০ বছরের নিচে। দেশের জনসংখ্যার অর্ধেকের বয়স ২৫ বছরের নিচে। আর ৩৫ বছরের কম বয়সীরা মোট জনসংখ্যার ৬৫ শতাংশ। পশ্চিমবঙ্গে ১৮-১৯ বছরের ২০ লক্ষ ভোটার এবার প্রথম ভোট দেবে। এই সুবিশাল তরুণ জনসম্পদকে হতাশা ও অন্ধকার ভবিষ্যৎ ছাড়া পাঁচ বছরের মোদী সরকার আর কিছুই দিতে পারেনি। দিয়েছে কেবল প্রতিশ্রুতির পর প্রতিশ্রুতি, বাগাড়ম্বর, বিজ্ঞাপন এবং আরও ভয়ঙ্কর হলো এই যুবক যুবতীদের কুপথে চালিত করার অভিযান। এই ব্যর্থতায় মোদী সরকারের সঙ্গে পাল্লা দিয়েছে এ রাজ্যের তৃণমূল সরকার।
দার্জিলিঙ লোকসভা কেন্দ্র প্রতি ব্যবহার হবে দুটো করে ইভিএম। কারণ রাজ্যের একমাত্র পাহাড় কেন্দ্রিক লোকসভা কেন্দ্রের প্রার্থী সংখ্যা ১৯। একটি ইভিএম মেশিনে মোট জায়গা থাকে ১৫ টি। যার মধ্যে ১৪ টি জায়গা থাকে প্রার্থীদের জন্য। বাকি একটি জায়গা রাখা হয় নোটার জন্য। নির্বাচন কমিশন সূত্রে খবর দার্জিলিঙ লোকসভা কেন্দ্রে মনোনয়নপত্র জমা পড়েছিল মোট ২১ টি। এর মধ্যে দুটো মনোনয়ন বাতিল হয়েছে। এখন মোট প্রার্থী সংখ্যা ১৯। এই কেন্দ্রের মোট ভোট গ্রহণ কেন্দ্রের সংখ্যা ১ হাজার ৮৯৯ টি। অর্থাৎ প্রতিটি বুথের দুটো করে ইভিএম ব্যবহারের ক্ষেত্রে প্রয়োজন আরও সম পরিমাণ ইভিএম। ভিভি প্যাডও প্রয়োজন আরও ১ হাজার ৮৯৯ টি। প্রয়োজন অতিরিক্ত সাড়ে তিন হাজার ভোট কর্মী। এতো কম সময়ে বাড়তি ভোট কর্মীদের প্রশিক্ষণ দেওয়া এবং বাড়তি ইভিএম জোগাড় হবে কি ভাবে? এখন সেই চিন্তায় নির্বাচন কমিশন।
বিলকিস বানু ধর্ষণ মামলায় যে দুই পুলিশ আধিকারিককে বম্বে হাইকোর্ট দোষী সাব্যস্ত করেছিল সেই দুই আধিকারিকের বিরুদ্ধে গুজরাট সরকারকে শাস্তিমূলক ব্যবস্থা নেওয়ার নির্দেশ দিল সুপ্রিম কোর্ট। ২০০২ সালে গুজরাট দাঙ্গার সময় ১৯ বছরের অন্তঃসত্ত্বা বিলকিস বেগমকে দলবদ্ধভাবে ধর্ষণ করে। সেই সঙ্গে তাঁর ৫ বছরেরসন্তান সহ পরিবারের ১৪ জনকেই হত্যা করে দাঙ্গাকারীরা। এই ঘটনায় নীরব দর্শকের ভূমিকা গ্রহণ করেছিল ৫ পুলিশ কর্মী এমনকি প্রমাণ লোপাটেরও চেষ্টা করে তারা। সেই অভিযোগে সেই ৫ পুলিশ কর্মীকে দোষী সাব্যস্ত করেছিল বম্বে হাই কোর্ট। শুক্রবার ওই ৫ পুলিশ কর্মীর বিরুদ্ধে শাস্তিমূলক ব্যবস্থা নেওয়ার নির্দেশ দিল সুপ্রিম কোর্টের প্রধান বিচারপতি পরিচালিত ৫ সদস্যের বেঞ্চ। আগামী ২৩ এপ্রিল এই বেঞ্চ বিলকিস বানুর ক্ষতিপূরণ মামলার শুনানী শুনবে। রাজ্য সরকার ক্ষতিপূরণ হিসাবে ৫লক্ষ টাকা দিতে চেয়েছিল বিলকিস বানুকে কিন্তু তা তিনি প্রত্যাখ্যান করেন। এবার সেই সংক্রান্ত মামলার শুনানী হবে আগামী তারিখে।
এক মাসের মধ্যে নারদ কাণ্ডের চার্জশিট দেবে সিবিআই। শুক্রবার কলকাতা হাইকোর্টে একথা জানালো সিবিআই। সিবিআই'র আইনজীবী জানান, নারদ কাণ্ডের তদন্তপ্রক্রিয়া শেষ হয়ে গিয়েছে। আগামী এক মাসের মধ্যেই এই নারদকাণ্ডের তদন্তে চার্জশিট আদালতে পেশ করবে কেন্দ্রীয় গোয়েন্দা সংস্থা। নারদকাণ্ডে আরামবাগের সাংসদ অপরূপা পোদ্দারের দায়ের করা মামলার শুনানি ছিল আজ। সেই সময়েই একথা জানায় সিবিআই। সিবিআই'র বক্তব্যের পরিপ্রেক্ষিতে আগামী ১২ সপ্তাহের জন্য মামলার শুনানি মুলতুবি করা হয়েছে। কেন্দ্রীয় গোয়ন্দা সংস্থার তরফে আরো বলা হয়, গান্ধীনগরের ফরেন্সিক ল্যাবরেটরি থেকে রিপোর্ট আসার জন্য অপেক্ষা করছে তারা। রিপোর্ট হাতে এলেই চার্জশিট পেশ করবে তারা। আর যদি এক মাসের মধ্যে রিপোর্ট না আসে, তবে পারিপার্শ্বিক তথ্যপ্রমাণের ভিত্তিতেই চার্জশিট দেবে কেন্দ্রীয় গোয়েন্দা সংস্থা।
শুক্রবার জলপাইগুড়িতে বামপ্রার্থী ভাগিরথ রায়ের সমর্থনে নির্বাচনী সভা করবেন সূর্য মিশ্র। সেই কারণে অগ্রিম অনুমতি নিয়েই চলেছিল সভার প্রস্তুতির কাজ। কিন্তু শেষ মুহূর্তে রাজ্য সরকারের তরফে জানানো হয় মাইক ব্যবহারের জন্য কোনও সরকারি খুঁটি বা টেলিফোনের খুঁটি ব্যবহার করা যাবে না। তাই প্রতিবাদ স্বরুপ নিজেদের কাঁধে মাইক তুলে নিয়েই সেই সভার বক্তব্য পৌঁছে দিল সাধারণ মানুষের কাছে। তৃণমূল সরকারের জুলুমবাজীর কাছে মাথা নত না করে প্রত্যেক বাম কর্মীরা নিজেরাই খুঁটির মতো দাঁড়িয়ে থাকলেন কাঁধে মাইক নিয়ে। প্রশাসন সুর্য মিশ্রের যে সভা বন্ধ করে দেওয়ার চক্রান্ত করেছিল সেই চক্রান্তকে এভাবেই পরাস্ত করল বামপন্থী কর্মীরা।
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